Indian Railways में अब सब का ट्रैन टिकट होगा कन्फर्म !

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Indian Railways New Scheme : त्योहारों के समय रेलवे स्टेशन यात्रियों के खचाखच भरा रहता है। इतनी भीड़ होने से लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। कंफर्म टिकट न होने की। लेकिन यात्रियों की इस परेशानी को देखते हुए। रेलवे द्वारा एक स्कीम बनाई जा रही है। जिसके तहत यात्रियों को कंफर्म टिकट न होने की परेशानी से छुटकारा मिल जाएगा। आईए जानते हैं, क्या है वह योजना? Indian Railways

भारतीय रेलवे की नई स्कीम

भारतीय रेल के द्वारा यात्रियों की परेशानी को देखते हुए एक हम फैसला लिया गया है। कि अब वह ऐसी स्कीम लेकर आएंगे जिसमें हर एक यात्री को कंफर्म टिकट मिलेगा । क्योंकि अब रेलवे की बड़ी विस्तार योजनाओं को लेकर आ रहा है। जिसके तहत हर दिन नई ट्रेन जोड़ी जायगी।Indian Railways

इंडियन रेलवे की नई योजना से क्या है? फायदा हालांकि में दिवाली और छठ पूजा के चलते रेलवे स्टेशनों में काफी भीड़ देखी गई है। और भीड़ इतनी की कहा जा रहा है। कि बिहार के एक रेलवे स्टेशन में भीड़ के चलते ट्रेन में चलने की कोशिश करने की वजह से एक 40 साल के व्यक्ति की मौत भी हो गई। इसी घटना को देखते हुए रेलवे द्वारा यह डिसीजन लिया गया है।Indian Railways

कैसे मिलेगा हर यात्री को कंफर्म टिकट ?

रेलवे की नई योजना के मुताबिक हर साल नए ट्रैक बिछाए जाएंगे । हर साल 4 से 5 हजार किलोमीटर ट्रैक का नेटवर्क बनाया जाएगा। वर्तमान में प्रतिदिन 10,748 ट्रेन चल रही है। लेकिन अब भी इसकी संख्या को बढ़ाकर 13,000 प्रतिदिन करने का लक्ष्य तय किया जा रहा है। इसके 3-4 वर्षो में 3000 नई ट्रेन ट्रैक पर उत्तर सकेंगी। हर साल करीब 800 करोड़ यात्री ट्रेन से यात्रा करते हैं। लेकिन अब इसकी संख्या आने वाले समय में 1000 करोड़ तक बढ़ सकेगी। रेलवे यात्रा में लगने वाले समय को कम करने के लिए भी काम करें रहा है। जिसमें ज्यादा पटरिया बिछाना, स्पीड बढ़ाना शामिल है।Indian Railways

कैसे बढ़ेगी भारतीय ट्रेनों की स्पीड ?

स्पीड बढ़ाने के लिए एक्सेलरेश और डिस्लेरेशन को बढ़ाना आवश्यक है। ताकि ट्रेन को रुकने और गति प्राप्त करने में कम समय लगे। रेलवे के एक अध्ययन के अनुसार, यदि एक्सेलरेशन और डिस्लेरेशन में वृद्धि की जाए, तो दिल्ली से कोलकाता की यात्रा में 2 घंटे 20 मिनट बचा सकता है। उसी तरह, पुश और पुल तकनीक एक्सेलरेशन और डिस्लेरेशन में सहायता होगी। वर्तमान में, लगभग 225 ऐसी ट्रेनें प्रति वर्ष निर्मित की जा रही है। जिनमें पुश पुल तकनीक का उपयोग हो रहा है। बंदे भारत जैसी मुख्य ट्रेन की एक्सेलरेशन और डिस्लेरेशन क्षमता, वर्तमान ट्रेनों की तुलना में चार गुना अधिक है।Indian Railways

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